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Gandhigiri

Gandhigiri

 

आज के युग में जहा पर हिंसा भ्रस्टाचार जैसी कई बदिया समाज में घर जमा कर बैठी है तब जाहेर जीवन में कई सरे ऐसे मसले है जहा पर कानून का डर न के बराबर है।  आज भी लोगो को  जिम्मेदारी का अनुभव करवाने हेतु गांधी मूल्यों का सहारा लेना पड़ता है। मानव सेवा भी गांधी विचारो से प्रेरित होते हुए “गांधीगिरी ” का अहिंसक हथियार लिए लोक जागृति कार्य करती है।  स्वच्छता के सन्दर्भ में सानंद, द्वारिका, दीव और गीर का अभयारण्य में जहाँ तहा कचरा फैकने वाले लोगो को गुलाब का फूल देकर समझाया की इस सुन्दर जग़ह को स्वच्छ बनाए रखना हमारी जिंम्मेदारी है। नल सरोवर में गंदकी करते प्रवासी को भी इस तरह गांधीगिरी के माध्यम से स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। लोकशाही में मतदान करना हमारी नैतिक फर्ज है साथ ही अच्छे- सच्चे प्रत्यासी को जिताना हमारा कर्त्तव्य है इस उद्देश्य के साथ मानव सेवा ने सानंद में मतदार जाग्रति अभियान किया जिस में किसी भी प्रलोभन में आए बिना हमें मतदान करना चाहिए यह समझाया गया। सानंद स्थित SBI की ब्रांच में पेंशनरो को पड़ती दिक्कते का प्रश्न लेकर भी गांधीगिरी का सहारा लिया गया। सानंद औद्योगिक विकास में आगे बढ़ रहा है तब ट्रैफिक की समस्या को लेकर भी गांधीगिरी की। बिच रस्ते में वाहन पार्क करने वाले वाहन चालक को स्कूली छात्रों ने फूल देकर समझाया की योग्य जगह पर वाहन पार्क  करे ताकि बाजार में भीड़ न हो। ऐसी कई परस्थितिओं में मानव सेवा ने गांधीगिरी का हाथ थामा है जैसे नल सरोवर रोड़ को बड़ा करने का प्रोजेक्ट था जिसे में हजारों वृक्ष को कटना तय हुआ था तो मानव सेवा ने गांधीगिरी के माध्यम से वृक्षों को कटाने से बचाया।  सानंद स्थित केमिकल कंपनी के गेट पर फूल बिछाकर सभी कर्मचारीओ को फूल देकर समझाया गया।  इस प्रकार आज के युग में गाँधी विचार से समस्याओं से मानव सेवा रचनात्मक तौर से काम करती है।

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